Ek Alhadsa ladka.............
एक अल्हड सा लड़का था मै जिन दिनो ,
एक मैले मै पंहुचा चहकता हुआ ।
लोट आया लिए हसरते सेकड़ो ,
जेब खली थी कुछ मोल लेना सका।
खेर महरुनियत के वो दिन तॊ गये ,
आज मेला लगा हे ऊसी शान से ।
आज चाहू तॊ हर एक दूका मोल लू ,
आज चाहू तॊ हर एक जहाँ मोल लू।
आज मेला लगा है उसी शान से ,
पर मिठाई का इस दिल मै धड़का कहाँ ।
अब छोटा सा अल्हड सा लड़का कहाँ !.........
अब छोटा सा अल्हड सा लड़का कहाँ !.........
एक मैले मै पंहुचा चहकता हुआ ।
लोट आया लिए हसरते सेकड़ो ,
जेब खली थी कुछ मोल लेना सका।
खेर महरुनियत के वो दिन तॊ गये ,
आज मेला लगा हे ऊसी शान से ।
आज चाहू तॊ हर एक दूका मोल लू ,
आज चाहू तॊ हर एक जहाँ मोल लू।
आज मेला लगा है उसी शान से ,
पर मिठाई का इस दिल मै धड़का कहाँ ।
अब छोटा सा अल्हड सा लड़का कहाँ !.........
अब छोटा सा अल्हड सा लड़का कहाँ !.........
👌👌
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